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है जग वालों का काम यही, वो उर में संशय भर देंगे |
मत भूल पथों के शूल तुझे, पग पग विचलित कर देंगे ||
तम घोर निशा के नैराश्य में, पथ ना दिखाई देगा फ़िर,
स्वरों के प्रचण्ड प्रभंजन में, कुछ ना सुनाई देगा फ़िर |
विपदा तडित और गर्जन भी, पल-पल तुझको डर देंगे |
मत भूल पथों के शूल तुझे, पग पग विचलित कर देंगे ||
संशय, दुविधा के सागर में, डगमग निर्णय नैया डोलेगी,
घोर असमंजश की उठ उठ लहरें, तेरे साहस को तौलेगी |
संकट के चक्रावातों को बस, तेरे धैर्य, शौर्य ही उत्तर देंगे,
मत भूल पथों के शूल तुझे, पग पग विचलित कर देंगे ||
अड़चन गिरी सी आकर सन्मुख, पथ तेरा अवरुद्ध करेगी,
अथाह गर्त की गहराई सी, नाकामी अतिशय क्षुब्ध करेगी |
अवसरवादी प्रतिकूल तेरे हो, अपने और मुखुर स्वर देंगे |
मत भूल पथों के शूल तुझे, पग पग विचलित कर देंगे ||
पर जीवट नाविक मत खोना, तूँ पथिक हौसला मत खोना,
आशा ज्योति जलाए रखना, हिम्मत बीज ह्रदय में बोना |
चूमेगा लक्ष्य तेरे क़दमों को, जयकारे फ़िर नारी नर देंगे |
मत भूल पथों के शूल तुझे, पग पग विचलित कर देंगे ||
आशा ज्योति जलाए रखना, हिम्मत बीज ह्रदय में बोना |
चूमेगा लक्ष्य तेरे क़दमों को, जयकारे फ़िर नारी नर देंगे |
bahut accha likhte hai aap.
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सन्नी जी आभार आपका
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अविचल
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आभार
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