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चंग की थाप मृदंग मनोहर, बाँसुरिया धुन है मतवारी |
खेलत फाग सखा मिलिहीं सब, झूमत रंग गुलाल लगा री ||
नाचत मस्त धमाल मचावत, गावत सो मन आवत वांरी |
भेद नहीं बड छोटन के बिच, रंकन कोऊ न राव यहाँ री ||

उम्मेद देवल
01 Thursday Mar 2018
Posted Literature, Religion
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चंग की थाप मृदंग मनोहर, बाँसुरिया धुन है मतवारी |
खेलत फाग सखा मिलिहीं सब, झूमत रंग गुलाल लगा री ||
नाचत मस्त धमाल मचावत, गावत सो मन आवत वांरी |
भेद नहीं बड छोटन के बिच, रंकन कोऊ न राव यहाँ री ||
उम्मेद देवल
10 Saturday Feb 2018
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inराजत भाल मयंक मनोहर, सर्पन माल गले अति प्यारी।
धार बहे नित गंग जटा बिच, लोचन तीन ललाट मखारी।।
शैल सुता अँग वाम विराजत, गोद गजानन मंगलकारी।
छोड़ सभी छल छंदन को मन, नाम सदा शिव है शुभकारी।
———उम्मेद देवल
10 Saturday Feb 2018
Posted Literature, Religion
in≈ Comments Off on Namah Shivay :नमः शिवाय
राजत भाल मयंक मनोहर, सर्पन माल गले अति प्यारी।
धार बहे नित गंग जटा बिच, लोचन तीन ललाट मखारी।।
शैल सुता अँग वाम विराजत, गोद गजानन मंगलकारी।
छोड़ सभी छल छंदन को मन, नाम सदा शिव है शुभकारी।।
उम्मेद देवल
04 Monday Sep 2017
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inबैरी दो अँखियन बने, पड़े प्रेम की पीर |
वो आवे ना ये रुके, एक नींद इक नीर ||
उम्मेद देवल
26 Saturday Aug 2017
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inउम्मेद देवल
20 Sunday Aug 2017
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inवन काट सपाट किये गिरि को, जल मारग पाट दिया कचरा |
खिलवाड़ किया सँग कुदरत के, विष नीर समीर अपार भरा ||
अनजान बने दृग मूँद रहे , विपदा घन रोज रहे गहरा |
जग संकट डूब, अकाल सहे , कर खीझ रहे बरसे बदरा ||
उम्मेद देवल
08 Tuesday Aug 2017
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खुद हाथ डुबोय दई लुटिया, बिखरी गरिमा तिनका तिनका |
जब आपहि कारज हीन करे, इसमें फिर दोष भला किनका ||
मुख आदर लानत पीठ मिले, सच जान गई जनता जिनका |
अब मंच रु पंचन साख नहीं , रह केवल नाम गया इनका ||
उम्मेद देवल
18 Tuesday Jul 2017
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inउम्मेद देवल
13 Thursday Jul 2017
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inउम्मेद देवल
12 Wednesday Jul 2017
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