शोभित है रंग पीत धरा,अरु घूमत है खुशियाँ हर द्वारे |
कोकिल की हद कूक सुहावन,मोर मनोहर नाम पुकारे ||
गूंजत है अलि तान दसों दिस, फूलन को मुख चूमत सारे |
नीरस तो रह तो जग जीवन, या सच एक बसंत बिना रे ||
12 Sunday Feb 2017
Posted Literature
inशोभित है रंग पीत धरा,अरु घूमत है खुशियाँ हर द्वारे |
कोकिल की हद कूक सुहावन,मोर मनोहर नाम पुकारे ||
गूंजत है अलि तान दसों दिस, फूलन को मुख चूमत सारे |
नीरस तो रह तो जग जीवन, या सच एक बसंत बिना रे ||
yedukrishnanpv said:
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